ज़िंदगी मानो तिलस्म है। इसकी लिखाई कहाँ कभी किसी को समझ आई है? अक्सर आदमी सोचता है कि लिखावट यह कहती है, पर होता कुछ और ही है! ज़िंदगी के क़दम किस ओर जायेंगे यह कोई नहीं जानता। कभी-कभी तो लगता है कि इसकी लिखावट को जानने की कोशिश ही नहीं करनी चाहिए। उसको ख़ामोश-सा अपनी दिशा में चलने देना चाहिए, और जो पल हैं, उनमें मसु्कुराते रहना चाहिए।
ज़िंदगी के इन रहस्यों को खोजने की मुसलसल कोशिश करती हुई, पेश हैं लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर, नीलम सक्सेना चन्द्रा की पचास नज़्में।
ATUHOR
आपके कार्य को सराहते हुए एक वर्ष में सबसे अधिक पसु्तक प्रकाशन हेतु लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड द्वारा आपको मान्यता मिली है। नीलम को फ़ोर्ब्स मैगज़ीन द्वारा 2014 के देश के अठहत्तर प्रख्यात लेखकों में नामित किया गया है।
तिलस्म ए जिंदगी : काव्य संग्रह
₹245.00Price
ISBN: 978-81-956557-7-9 Pages: 108 Binding: PB Year: 2024